
Key takeaways (TL;DR)
Didit और Zapier को जोड़ने से आप बिना कोड लिखे और टेक टीम पर निर्भर हुए पहचान सत्यापन को ऑटोमेट कर सकते हैं।
कुछ ही मिनटों में ऐसे KYC फ्लो बनाएं जो यूज़र को वेरिफाई करें, परिणाम सूचित करें और आपके सिस्टम अपने-आप अपडेट करें।
यह इंटीग्रेशन ऑनबोर्डिंग अनुभव बेहतर करता है और पूरी ट्रेसएबिलिटी के साथ रेगुलेटरी अनुपालन सुनिश्चित करता है।
Didit पहले ही दिन से वेरिफिकेशन स्केल करने और ऑपरेशनल लागत घटाने का सबसे तेज़ और लचीला तरीका देता है।
पहचान सत्यापन अब हर डिजिटल बिज़नेस के लिए अहम है। फिनटेक, क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म, मार्केटप्लेस और iGaming ऐप्स को बिना घर्षण यूज़र्स की पहचान जांचनी होती है, KYC/AML नियमों का पालन करना होता है और बिज़नेस की रफ़्तार से चलना होता है।
चुनौती यह है कि कई कंप्लायंस टीमें अब भी इस प्रक्रिया को मैनुअल या धीमी/महंगी इंटीग्रेशनों से संभालती हैं। यहीं ऑटोमेशन फ़र्क लाता है।
Zapier 2024 Automation Report के अनुसार, 89% SMBs कहती हैं कि रूटीन कार्यों का ऑटोमेशन हर हफ्ते 6+ घंटे बचाता है। साथ ही 63% फाउंडर्स मानते हैं कि नो-कोड टूल्स तेज़ी से स्केल करने के लिए अनिवार्य हैं।
इसी संदर्भ में, डेवलपर-फर्स्ट, मॉड्यूलर पहचान-सत्यापन प्लेटफ़ॉर्म Didit, मार्केट की सबसे पहचानने योग्य ऑटोमेशन टूल Zapier से आसानी से जुड़ जाता है। मिनटों में आप दोनों सिस्टम कनेक्ट कर सकते हैं ताकि हर यूज़र वेरिफिकेशन प्रोसेस होकर, अप्रूव/रीजेक्ट होकर सीधे आपके CRM, Slack या डेटाबेस में पहुँचे—बिना एक भी लाइन कोड।
सीखना चाहते हैं कैसे? यह गाइड आपको चरण-दर-चरण दिखाता है।
Zapier एक ऑटोमेशन टूल है जो आपकी सभी बिज़नेस ऐप्स को जोड़ता है। 6,000+ इंटीग्रेशंस और दुनियाभर के लाखों यूज़र्स के साथ, यह नो-कोड वर्कफ़्लो ऑटोमेशन का ग्लोबल स्टैंडर्ड बन गया है।
लॉजिक सरल है: एक ऐप में इवेंट ट्रिगर बनता है और दूसरे ऐप में एक्शन चलाता है। पहचान सत्यापन के दो उदाहरण:
यह नो-कोड सोच स्टार्टअप्स और प्रोडक्ट टीमों के लिए आदर्श है जो इंजीनियरिंग पर निर्भर हुए बिना तेज़ी से आगे बढ़ना चाहती हैं। Zapier के साथ, जो काम पहले हफ्तों लेते थे, अब मिनटों में ऑटोमेट हो जाते हैं।
KYC ऑटोमेशन सिर्फ़ दक्षता नहीं, यूज़र अनुभव (UX) और रेगुलेटरी कंप्लायंस से भी जुड़ा है। ऑनबोर्डिंग में हर अतिरिक्त घर्षण एक वैध ग्राहक के खोने का कारण बन सकता है।
Didit × Zapier कनेक्शन से आपके KYC फ्लो स्वतः और पारदर्शी ढंग से चलते हैं:
उदाहरण के लिए, यदि कोई फिनटेक नए यूज़र्स के लिए विशेष रजिस्ट्रेशन चलाए, तो Didit × Zapier ऑटोमेशन से सिस्टम:
और यह सब मानवीय हस्तक्षेप के बिना।
Didit और Zapier का इंटीग्रेशन बहुत तेज़ है। आपको बस चाहिए:

दोनों कंसोल्स से बिना कोड इसे आसानी से सेट किया जा सकता है। अपनी Business Console API Key पास रखें।

इतना करते ही Zapier-आधारित पहचान-सत्यापन ऑटोमेशन तैयार है। आगे आप विभिन्न परिदृश्यों के लिए स्टेप्स जोड़ सकते हैं—नए यूज़र्स को वेलकम ईमेल, मैनुअल रिव्यू की ज़रूरत पर कंप्लायंस टीम को Slack संदेश, अतिरिक्त सूचना माँगना, इत्यादि—सब कुछ आपके रिस्क एपटाइट पर निर्भर।
आप Retrieve Session इवेंट पर भी ऑटोमेशन बना सकते हैं। इससे किसी विशेष वेरिफिकेशन सेशन का परिणाम पता चलता है। इसके लिए Session ID पता होना चाहिए और उसे सेटिंग (ऊपर के स्टेप 4–5) में पेस्ट करें।

हालाँकि Didit + Zapier इंटीग्रेशन कुछ ही मिनटों में प्रोडक्शन में जा सकता है, फिर भी हम सुझाव देते हैं:
इस इंटीग्रेशन की असली ताकत सादगी है। जहाँ दूसरे सिस्टम्स को हफ्तों की डेवलपमेंट या समर्पित इंजीनियर्स लगते हैं, Didit × Zapier मिनटों में KYC ऑटोमेट कर देता है।
आपके चुने हुए वर्कफ़्लो के हिसाब से पूरा प्रोसेस बिना कोड एक प्रोडक्शन-रेडी Zap बन सकता है।
इसके अलावा:
दुनियाभर की सैकड़ों कंपनियाँ (फिनटेक, क्रिप्टो, iGaming और डिजिटल सेवाएँ) पहले से ही इस कॉम्बो से ऑनबोर्डिंग का समय/लागत 70% तक घटा रही हैं (ROI कैलकुलेटर) और अप्रूवल रेट व यूज़र संतुष्टि बढ़ा रही हैं।
